कोविड-19 करोना कॉल में ऐसा दौर चल गया है हर कोई डर भय और चिंता से परेशान हैं। सभी लोग कोविड-19 संजीवनी की तलाश में है। वैक्सीन प्राप्त होने तक सभी लोग केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता इम्यूनिटी को बढ़ाने मैं यतन प्रयत्न भरपूर कर रहे है। इतना ही नहीं बाजार में बिकने वाला सभी प्रोडक्ट अब इम्यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता से जोड़ा जा रहा है निश्चित रूप से सभी प्राकृतिक सेहतमंद इनग्रेडिएंट्स शरीर को सशक्त और सुदृढ़ बनाने का काम करते हैं दूसरी भाषा में यह भी समझ सकते हैं कि आपका बॉडी का रेजिस्टेंस यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकास में भी भूमिका निभाते हैं। यह बिल्कुल सत्य सार्थक प्रयास है। लेकिन समझना यह है इम्यून सिस्टम है क्या और क्या क्या उपयोग और ज्ञान हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली को ताकतवर कैसे बना सकते हैं आयुर्वेद क्या कहता है वैदिक विज्ञान क्या कहते हैं। जाने
रोग प्रतिरक्षा प्रणाली ,इम्यून सिस्टम का काम शरीर में सभी होने वाली रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप होमियोस्टैसिस मैनटेन रखना है। मॉडर्न साइंस के आधार पर देखें तो बॉडी का पीएच लेवल 7.4 मेंटेन रहना चाहिए। तब आपका शरीर रोगों से लड़ने और शरीर की समस्त मेटाबोलिक क्रियाएं सुचारू रूप से होना संभव होता है यह सब ठीक होने की दशा ही अच्छा स्वास्थ्य यही आपका रोग प्रतिरोध करने की क्षमता है दूसरी भाषा में इसको यूं भी कह सकते हैं यही शरीर की उत्तम इम्यून सिस्टम है। इस अवस्था को प्राप्त करने के लिए रोग रहित शरीर को बनाना और साथ में रोकथाम करने के उपाय का सेवन लाभकारी होता है। जो लोग पूर्ण स्वस्थ हैं वह केवल सुक्ष्म त्रिफला रसायन हरड़ बहेड़ा आंवला का बारीक चूर्ण एक चम्मच शहद शहद और 5 से 10 बूंद घी के साथ सेवन करने से होमियोस्टैसिस मेंटेन रख सकते हैं हा एक बात का जरूर ध्यान देना है शहद और घी एक साथ समान मात्रा में नहीं लेना चाहिए क्योंकि मात्रा विरुद्ध संयोग होता है इसलिए शहद और घी की मात्रा को असमान रखना नितांत आवश्यक है।
अच्छा ताकतवर इम्यून सिस्टम कैसे प्राप्त करें यह समझना बहुत जरूरी है।
आयुर्वेद और वैदिक मत है जब तक प्राण ऊर्जा, तेजस ऊर्जा ,अच्छी नहीं होगी तब तक ओजस का निर्माण अच्छी मात्रा में नहीं होगा।
जानने का प्रयास करते हैं की प्राण तेजस ओजस उर्जा है क्या ,इनके क्या काम है और कैसे आपके इम्यून सिस्टम को रेगुलेट करते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे सुचारू करते हैं।
प्राण ऊर्जा सिनेप्टिक गैप मैं निहीत चिद आकाश शक्ति है जो कॉस्मिक एनर्जी को ग्रहण कर प्राण रुपी करंट का प्रवाह करती है और फेफड़े को गैसियस एक्सचेंज और ग्रहण करने की शक्ति प्रदान करती है।
जो लोग प्राणायाम , डी ब्रीदीग के अभ्यासी हैं उनके इम्यून सिस्टम नेचुरली ठीक रहेंगे।
तेजस ऊर्जा यही वह ऊर्जा होती है जो आपके आहार में उपस्थित सभी पंच भूत तत्वो को डाइजेस्ट करने में और जठराग्नि को ताकत प्रदान करती है। इसका मतलब यह हुआ है कि सेलुलर लेबल न्यूक्लियर लेबल पर सभी मेटाबोलिक क्रियाओं को सुचारू रखते हुए हार्मोन एंजाइम अमीनो एसिड को उचित अनुपात में रखते हुए शरीर को स्वस्थ प्रदान करती है। तेजस ऊर्जा मेटाबोलिक स्टेटस को रिप्रेजेंट करती है अब मन में प्रश्न उठता है कैसे रेगुलेट करें।
सभी के घर में सोंठ मरीच पीपल होता ही है इन सभी को समान मात्रा में लेकर पाउडर बनाकर शहद के साथ 1 से 2 ग्राम की मात्रा में हर रोज सेवन करना है।
ओजस उर्जा सभी धातुओं का इसेंस होता है जिसको मॉडर्न साइंस में आईजी जी, आई जी एम, आई जी ए, आई जी डी ,आई जी ई के नाम से जाना जाता है जो रासायनिक भाषा मे एल्बुमिन और प्रोटीन का कंपोजीशन है । यही प्राकृतिक तौर पर इम्यून है , अप्राकृतिक तौर पर केमिकल वैक्सीन है।
प्राकृतिक तरीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकास इम्यूनिटी सिस्टम का विकास केवल खाने से ही नहीं प्राप्त होगा उसके लिए प्राणायाम ,अच्छा मानसिक स्वास्थ्य ,भूख और खाना पचाने की अच्छी क्षमता शरीर के सभी मेटाबोलिक क्रियाओं का सुचारू रहना आपके अच्छे इम्यून सिस्टम का सूचक है। इन्हीं का अच्छा होना ताकतवर इम्यून सिस्टम बनाने में बेहद सहायक कारगर है।
इसका मतलब प्राण तेजस ओजस तीनों अवस्थाओं पर मेटाबोलिक कार्य सुचारू रखना, ताकतवर इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है।
इंग्रेडिएंट्स का चयन, कि किस व्यक्ति के लिए क्या सही है क्या सही नहीं है इसका निर्धारण शरीर की तासीर के अनुसार एक्सपर्ट की सलाह से लेना चाहिए।
निचोड़ यह रोग प्रतिरोधक क्षमता विकास के लिए भूख के अनुपात में खाना खाएं , योग व्यायाम से शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखें , तनाव रहित रहने का प्रयास करें मोटापा ना होने दें, हार्मोन सेलुलर लेबल और न्यूक्लियर लेवल की होने वाली मेटाबोलिक क्रियाओं को सुचारू रखने के लिए उपाय एवं प्रबंधन करें , शरीर के अनुकूल संतुलित एवं सुपाच्य आहार का सेवन करें , आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता आपके अंदर का प्राकृतिक वैक्सीन जागृत अवस्था में सशक्त होकर रोग संक्रमण एवं संचारी रोगों से लड़ेगा और बचाएगा भी।
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