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हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म के बीच अंतर क्या है? जानिये नाड़ी एक्सपर्ट आयुर्वैदा कंसल्टेंट्स वैद्य अभिमन्यु भार्गव से

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    आयुर्वेद विज्ञान में हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म के कारण और उपचार भी अलग अलग ही हैं।!

    थायरॉयड ग्रंथि आपके शरीर में सांस लेने, शरीर के वजन को बनाए रखने, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने, कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। थायराइड ग्रंथि T3 और T4 दो हार्मोन निर्मित करके ,आपके शरीर और अंगों को स्वस्थ बनाए रखते हैं। शरीर की मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करते हैं। थायराइड ग्रंथि का हार्मोन निर्माण, पिट्यूटरी ग्लैंड से रेगुलेट होता है । जिसके लिए थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन -टी एस एच रिस्पांसिबल होता है। टी एस एच का बढा होना यह दर्शाता है मेटाबोलिज्म स्लो हो रही है, यह कंडीशन हाइपो थायराइड का सूचक है

    इसके विपरीत जब t3 t4 नामक हार्मोन अधिक मात्रा में बनता है तो यह दर्शाता है किस शरीर की चयापचय क्रिया मेटाबॉलिज्म बहुत तीव्र है शरीर को कमजोर कर रही है नर्वस सिस्टम में वीकनेस पैदा कर रही है हाथों में कंपन पैदा कर रही है आंखों में तनाव और भारीपन के साथ , आंखें बाहर को उभरी हुई नजर आती है। रोगी कमजोर सूखता जाता है बीपी बढ़ने लगता है शरीर में गर्मी का बेइंतहा एहसास होता है और शारीरिक और मानसिक कमजोरी भी आ जाती है।

    मतलब सारा खेल थायराइड में हार्मोन का ओवर प्रोड्यूस होना हाइपर थायराइड या कम प्रोड्यूस होना हाइपोथाइरॉएडिज्म का कारण है।

    हरियाणा प्रसिद्ध नाड़ी एक्सपर्ट (आयुर्वेदा कंसलटेंट / वैलनेस कोच ) डॉ. अभिमन्यु भार्गव जी आपको हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म के बीच का अंतर बता रहे हैं।चलिए जानते है हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म के बीच अंतर –

    जब थायरॉयड ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है, तो यह थायराइड हार्मोन t3 ,t4 अधिक पैदा करता है, जो हाइपरथायरायडिज्म का कारण बनता है। लेकिन जब इसके विपरीत होता है, जब ग्रंथि हार्मोन का कम उत्पादन करती है, तो यह हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनता है।

    हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म लक्षणों में भी अंतर् पाया जाता जो इस तरह से है !

    हाइपरथायरायडिज्म के मरीज में उच्च ऊर्जा का स्तर होता है और हाइपोथायरायडिज्म के मरीज में कम ऊर्जा का स्तर होता है। हाइपरथायरायडिज्म के लक्षणों में वजन में कमी, भूख में वृद्धि, दिल की धड़कन में वृद्धि और पसीना अधिक शामिल हैं। घबराहट,चिंता और नींद की कमी भी इसके लक्षण हैं। शरीर सूखने लगता है कमजोर हो जाता है।

    हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों में वजन बढ़ना, लो एनर्जी, थकान दर्द, लिपिड प्रोफाइल का डिस्टर्ब होना, मानसिक कमजोरी और बेचैनी, रिप्रेस्ड इमोशन और इमोशनल कनफ्लिक्ट ,ड्राई स्किन और नींद की कमी बिना कारण है। भ्रम और घबराहट, शरीर में मोटापा भारीपन बिना अधिक खाए ही वजन का बढ़ना मिलता है।महिलाओं में पीरियड प्रॉब्लम और अवसाद का अनुभव लक्षण भी है। यदि थायराइड का रोग कम उम्र में हो जाता है तो शरीर की मेटाबोलिक क्रियाएं शिथिल हो जाती हैं मंद पड़ जाती हैं जिसके फलस्वरूप हार्मोन, रिप्रोडक्टिव हार्मोन भी डिस्टर्ब होता है जो पी ओ सी डी, फाइब्रॉयड्स, इनफर्टिलिटी का भी कारण हैं। भारतीय परंपरा संवेदना और संस्कार की संस्कृति है लज्जा नारी समाज का आभूषण है। कभी-कभी यही प्रॉब्लम दिन दैनिक जीवन में इमोशनल कनफ्लिक्ट्स और रिप्रेस्ड इमोशन का कारण बन जाती है और धीरे-धीरे थायराइड विकार विकसित हो जाता है आप सभी समाज में देखते हैं ज्यादातर महिलाएं ही इस रोग से पीड़ित होती हैं इन्हीं की तादाद अधिक है पुरुषों के अपेक्षाकृत ।यही मुख्य विषय है यही मुख्य कारण है इसलिए ऐसी स्थिति आने पर फ्लो आफ कम्युनिकेशन, विचार प्रखरता और अपनी बात को रखना और उसके प्रति संवेदना जागरूकता पैदा करना भी इसका एक हल है।

    आयुर्वेदिक विज्ञान के नजरिए से देखें डिफेक्टिव स्पेस -कमजोर अंग इसमें दिल और दिमाग होता है इसलिए आयुर्वेद में वर्णित हृदय और मस्तिष्क को ताकत पहुंचाने वाली दवाइयां कारगर है और बेहतर है।

    आयुर्वेद विज्ञान त्रिदोष के सिद्धांत पर और शरीर के मौलिक विकृति को मुद्दे नजर उपचार देकर पिट्यूटरी ग्लैंड और थायराइड ग्लैंड के बीच ऐसा समन्वय स्थापित कर देता है जिससे यह लंबे समय तक बने रहने वाला रोग धीरे धीरे कुछ ही महीनों और साल में पूरी तरह से लक्षण मुक्त होकर ,हार्मोन नियंत्रित और नॉर्मल हो जाते हैं यही आयुर्वेद की ब्यूटी है और विशेषता है ।

    भार्गव आयुर्वेद संस्थान ,गहन शोध और रोग किस संप्राप्ति पेथोजेनेसिस पर विजय प्राप्त सफल समाधान पेस किया है जिसके फलस्वरूप थायरो सफा कैप्सूल और सिरप बनाया है जोकि थायराइड के रोगियों में केवल सफलता ही नहीं वरदान साबित है।

    हाइपर थायराइड और हाइपो थायराइड दोनों के लिए उपयुक्त है लेकिन सिद्धांतों और इलाज के दृष्टिकोण से दोनों का इलाज थोड़ा अलग अलग है इसलिए दोनों बीमारियों का इलाज पैकेज आप लोगों की सुविधा के लिए अलग-अलग उपलब्ध है। जिसको संस्थान में बातचीत करके वैद्यकीय सलाह द्वारा ,यदि और इसके अलावा भी कोई रोग है उसको भी समाहित करते हुए वैद्य अभिमन्यु भार्गव की गाइडेंस ले सकते हैं


    यदि आप केवल थायराइड से ही पीड़ित हैं तो इलाज पैकेज, वेबसाइट लिंक पर उपलब्ध है उसको घर बैठे आर्डर करके भी सेवन करके पूरा पूरा लाभ उठा सकते हैं।15 दिनों में आशातीत लाभ पाएं ।

    पूर्ण लाभ के लिए संपूर्ण लक्षणों को ठीक होने तक सेवन करें तन मन को स्वस्थ और सुंदर बनाएं।

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