आज कल थायराइड की तेजी से बढ़ती समस्या और इसकी वजह से होने वाली दूसरी बीमारियों से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं, इसके बारे में जान लेते है आयुर्वेद के प्रसिद्ध नाड़ी विशेषज्ञ (आयुर्वेदिक एक्सपर्ट,वेलनेस कोच ) डॉ अभिमन्यु भार्गव जी ने, इस विषय में बताया कि अब आयुर्वेद द्धारा काफी हद तक इस बिमारी का इलाज संभव है ! इसका समन्ध क्लियर कम्युनिकेशन सम्बाद बात अभिव्यक्ति की कमी , इमोशनल डिस्ट्रबंसेस इस बीमारी का मुलभुत कारन है , जो पिटुटरी -हाइपोथैलेमस ग्लैड से प्रतक्ष्य अप्रतक्ष्य रूप से प्रभावित करके , थाइरोइड ग्लैंड क्रियाशीलता को प्रभावित करके थाइरोइड रोग का जन्म हो जाता है , मुलभूत कारन और पाथो-फिजियोलॉजिकल कंडीशन को आयुर्वेदिक के मौलिक सिद्धांत से अप्लाई करने पर इस रोग पर कुछ ही महीने दवा एवं सामान्य खानपान से रोग को हराया जाना संभव है
भारी तकलीफो का सामना करना पड़ता है , लगातार हॉर्मोन सप्लीमेंट लेने के बाद भी लक्षणों में पूरा लाभ नहीं मिलता है , दवा भी पूरी जिंदगी खानी पड़ती है , चुकी कारन हॉर्मोन डिस्टबेंस और मेटाबोलिक शिथिलता एवं अतिक्रियाशीलता है , थाइरोइड का १०० प्रतिशत शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार इलाज सरल है लाभकारी है , लक्षणों एवं थाइरोइड हॉर्मोन प्रोफाइल में बहुत जल्दी बैलेंस बनता है , रोगी की समस्या जड़ से ठीक होने लगती है ,
हाइपो थाइरोइड में शारीरिक क्रियाशीलता कमजोर होने से धीरे धीरे शरीर कम खाने के बाद भी मोटा और भारी होने लगता है , फैटी लिवर , कोलेस्ट्रॉल और ट्रिग्लीसेरिडेस बढ़ कर असंतुलित ख़फ़ी समय तक बने रहने पर ,ह्रदय रोग का जन्म दे देते , पूरा जीवन दवा और इलाज के कालक्रम में फस जाता है , बाद में कोई बेहतर विकल्प होने के बाद भी आशातित लाभ नहीं मिलते है , समय रहते इस बीमारी पर आयुर्वेदिक दवा का सेवन कर के निसंदेह उचित कारगर लाभ उठाया जा सकता है
हाइपर थाइरोइड में शरीर की मेटाबोलिक क्रिया तीब्र होने के कारन शरीर में कमजोरी , गर्मी , मांपेशियों का क्षय , नसों की कमजोरी , कम्पन , आखो में तनाव एवं उभार के साथ साथ हाइपरटेंशन एवं सेक्सुअल वीकनेस आ जाती है , जिसने थाइरोइड हॉर्मोन के ओवरप्रोडक्शन को कम करना , नसों एवं मानसिक तनाव को कम करना , नेचुरल इंग्रेडिनेट्स की मदत से ताकत देना , कुछ रोगियों में स्किन की भी समस्या आ जाती है वह पित्त विकार का बिगड़ा लबित रूप है
थायराइड के कारण होने वाली समस्याएँ –
असवसथ बाल,आँख और नाखून- यह सबसे पहला लक्षण है, जो नजर आता है। नाखून पतले और रूखे होने शुरू हो जाते हैं। इससे नाखूनों में दरार, नाखूनों में सफ़ेद लाइन दिखना और जल्दी टूटने लगते हैं। ।इस रोग से पीडि़त कई महिलाओं में आंखों की समस्या भी हो जाती हैं जैसे आंखें लाल होना, खुजली होना, आंखों में सूजन आदि। कई महिलाओं में पानी और शरीर के दूसरे फ्लूड्स का अत्यधिक अवरोधन शुरू हो जाता है, जो हाथों और पैरों में हलकी सूजन के रूप में नजर आता है !
वजन बढ़ना- थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म की क्षमता कम हो जाती है। इसका मतलब यह कि आप जो भी खाना खाती हैं, उसका आपकी एनर्जी की आवश्यकताओं के लिए सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है और वजन बढ़ना शुरू हो जाता है।जब थायराइड अंडरएक्टिव होता है तो शरीर को पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती है। जिसके कारण लगातार थकान और नींद आती रहती हैं।
शारीरिक बदलाव – थायराइड प्रतिकूल रूप से शारीरिक आवश्यकताओं पर भी असर डालता है। कुछ महिलाएं सेक्सुअल इंटरकोर्स या किसी दूसरे फिजिकल इंटीमेसी में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं लेतीं। थायराइड ग्लैंड अकसर महिलाओं की आवाज़ में भी परिवर्तन लाता है। उनकी आवाज़ पहले से भारी और हार्श हो जाती हैं। जब महिलाएं बात करती हैं तो इरिटेटिंग क्वालिटी और आवाज़ बैठना भी महसूस किया जा सकता है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाना – थाइराइड होने पर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने से उसे कई बीमारियां लगी रहती हैं। थाइराइड की समस्या से ग्रस्त रोगी को जल्द थकान होने लगती है। शरीर आलसी और सुस्त रहने लग जाता है। शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है।थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन में रहने लगता है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति और याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।
अनियमित पीरियड्स – महिलाओं में पीरियड्स में अनियमितताएं शुरू हो जाती है। यह पहले की तुलना में लाइट या हैवी रूप में हो सकता है। इसके अलावा, कई महिलाओं में दो पीरियड्स के इंटरवल में भी अनियमितता शुरू हो जाती है जैसे 28 दिन का साइकिल 40 दिन का बन सकता है।
थायराइड रोग का पता ब्लड टेस्ट से चलता है। डाक्टर उन महिलाओं को थायराइड का टेस्ट कराने की सलाह देते हैं जिनमें इस प्रकार के लक्षण पाए जाते है। यदि आपको भी इससे सम्बंधित लक्षण दिखे तो जल्द ही आप हमारे संस्थान में कर सकते है और घर बैठे इस बिमारी से बचाव कर सकते है !
भार्गव आयुर्वेदा संसथान ने गहन अनुसन्धान एवं जड़ीबूटी के घन सत्व से तैयार औषधि से इलाज देता है , रोगियों की सुविधा के लिए ट्रीटमेंट पैकेज ऑनलाइन वेबसाइट शॉप पर उपलब्ध है , हाइपरथाइरोइड एवं हाइपो थाइरोइड का ट्रीटमेंट पैकेज अलग अलग उपलब्ध है , सेवन करे लाभ उढ़ाये ,
सम्बंधित पूछताक्ष एवं परामर्श के लिए संपर्क भी कर सकते है , कुछ रोगी जो बहुत लक्षणों एवं अन्य बीमारियों से पीड़ित है वह लोग वैद्य की परामर्श ले कर अपने और एक्सिस्टिंग इलनेस के तर्कसंगत सलाह एवं औषधि प्राप्त कर सकते है .
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