थायराइड की तेजी से बढ़ती समस्या और इससे होने वाली अन्य #बीमारियों से बचने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए। संभावित तनाव, भोजन में #आयोडीन की कमी, या दवाओं के अत्यधिक उपयोग, दवाओं के दुष्प्रभावों के कारण “”#आयुर्वेद“” इस बिमारी का काफी हद तक इलाज कर सकता है, #पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। जिसके कारण कई अन्य बिमारियों का भी खतरा रहता है। हम इस बारे में जानेंगे हमारे एक्सपर्ट से कि आयुर्वेदिक उपचारों द्वारा इस बीमारी को कैसे दूर किया जा सकता है तथा इसके अलावा थायराइड में क्या करना चाहिये और क्या नहीं –
#हाइपर #थायराइड के मरीज को क्या करना चाहिए :-
1. थायराइड के मरीज को नियमित रूप से 1 गिलास दूध का सेवन करना चाहिए। अगर ये मरीज फल खाना चाहते हैं तो #आम, #शहतूत, #तरबूज और #खरबूजे को अपने आहार में शामिल क्र सकते है !
2 भोजन में #दालचीनी, #अदरक, #लहसुन, सफेद प्याज, #अजवायन और #स्ट्रॉबेरी के पत्तों का उपयोग बढ़ाया जाना चाहिए। इन रोगियों को खाना पकाने के लिए #नारियल तेल का उपयोग करना चाहिए। इन रोगियों को छोटे और सुपाच्य भोजन करना चाहिए, खिचड़ी का उपयोग भी काफी लाभदायक है ।
3. थायराइड के मरीजो को भी सुबह 10 से 15 मिनट गुनगुनी धूप लेनी चाहिए। इस बिमारी में, आप #सूर्य #नमस्कार, #सर्वांगासन, #मत्स्यासन, #नौकासन अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं और #अनुलोम–#विलोम और उज्जायी योग काफी अच्छा लाभ देंगे !
हाइपर थायराइड के मरीजों को क्या नहीं करना चाहिए !
1. इस बीमारी से गृह्सित मरीज को उन चीजों से बचना चाहिए जिन्हें पचाना मुश्किल होता है।
2. बहुत अधिक ठंडे, खुश्क पदार्थों का सेवन न करें।
3. ज्यादा मिर्च-मसालेदार, तैलीय, खट्टे पदार्थों का उपयोग न करें।
4. दही का प्रयोग न करें।
5. बासी खाद्य पदार्थों या जिस में भी शुगर शामिल है उसका उपयोग न करें।
6. इस बीमारी में हमें पालक, शकरकंद, गोभी, फूलगोभी, मूली, शलजम, मक्का, सोया, रेड मीट, कैफीन और रिफाइंड तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
7. बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें और बहुत अधिक यौन क्रिया में संलग्न न हों।
#नार्थ #इंडिया के प्रसिद्ध नाड़ी #एक्सपर्ट (#आयुर्वेदा#कंसलटेंट / #वैलनेस#कोच ) डॉ. अभिमन्यु भार्गव जी ने थायराइड के इलाज के लिए आयुर्वेदिक उपाय बताए :-
1. इसमें हम #शिगरु #पात्रा, #कंचनार, #पुनर्नवा के काढ़े का उपयोग कर सकते हैं। काढ़े का उपयोग करने के लिए, हमें खाली पेट 30 से 50 मिली लीटर काढ़ा लेना चाहिए।
2. #ग्वार के ऊपर #जलकुंभी, #अश्वगंधा या विभूति का लेप लगाएं। जब तक सूजन कम न हो जाए तब तक पेस्ट लगाना है। बीमारी से पीड़ित लोग इन पौधों की स्वरस का उपयोग भी कर सकते हैं।
3. इस बीमारी में #अलसी के एक चम्मच पाउडर का इस्तेमाल भी काफी लाभदायक है !
4. नारियल का तेल भी इस बीमारी में इस्तेमाल किया जा सकता है। 1 से 2 चम्मच नारियल के तेल को गुनगुने दूध के साथ सुबह-शाम खाली पेट लेना भी इस बिमारी में फायदेमंद है।
5. इस रोग में #विभीतिका का चूर्ण, #अश्वगंधा #चूर्ण और #पुष्करबुन का चूर्ण भी दिन में दो बार 3 ग्राम शहद के साथ या गुनगुने पानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. इस बिमारी में धनिया का पानी पिया जा सकता है। धनिया पानी बनाने के लिए, एक तांबे के बर्तन में 1 से 2 चम्मच #धनिया शाम को पानी के साथ भिगो दें और सुबह इसे अच्छी तरह से मैश कर लें और इसे छानकर धीरे-धीरे पिएं।
7. इस बिमारी में पंचकर्म की क्रियाएं जिसमें हम शिरो अभ्यंगम, पाद अभ्यंगम, शिरोधारा, वस्ति, विरचन, उवर्ण और गले के क्षेत्र या थायरॉयड ग्रंथि पर स्ट्रीम कर सकते हैं। #गाय के #घी को नाक में पिघले हुए #मक्खन की दो बूंदें डालने से हमें इस बीमारी में लाभ मिलता है।
उपरोक्त बताये उपायों के इस्तेमाल से भी अगर आपको फायदा न मिले तो भार्गव आयुर्वेदा के विशिष्ट डॉ #अभिमन्यु भार्गव जी से #अप्पोइंटमेंएट लेके उनके संस्थान में उनसे मिल सकते है ! और अत्यधिक फ्री जानकारी के लिए हमारे #एक्सपर्ट्स से बात कर सकते है और घर बैठे दवाई मंगवा कर इस बीमारी से निजात पा सकते है !
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