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Best Ayurvedic Treatment Of Chronic Indigestion

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    क्रॉनिक इनडाइजेशन

    इनडाइजेशन को अपच , बदहजमी, डिस्पेप्सिया भी कहते हैं अर्थात आहार का पाचन ना होना अजीर्ण रहना इनडाइजेशन होता है आज के समय में एक आम समस्या है
    पेट खराब रहना, ब्लोटिंग की समस्या रहना इनडाइजेशन आदि से अक्सर लोग परेशान होते हैं पेट दर्द, पेट भरा भरा रहना ,सीने में जलन, उल्टी ,पेट फूलना, बिना खाए भी पेट भरा रहना ,सारा दिन परेशान रहना, फिर भी कोई काम करने में मन नहीं लगना यह लक्षण प्रायः देखने को मिलते हैं अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो दैनिक क्वालिटी लाइफ को प्रभावित करती है परंतु इनडाइजेशन से कोई गंभीर जटिलताएं नहीं होती है इनडाइजेशन बहुत ही आम समस्या है लेकिन हर किसी में इसके लक्षण अलग अलग नजर आते हैं इस परेशानी से निजात पाने के लिए लाइफस्टाइल को बदलाव करके और कुछ औषधि के सपोर्ट से ठीक किया जा सकता है

    क्यों होती है ऐसी समस्या

    इनडाइजेशन की समस्या में डाइजेस्टिव फायर का कमजोर होना इसका मूल कारण होता है इस का मेन स्थान स्टमक (अमाशय) होता है
    आचार्य चरक जी के अनुसार
    आयुवर्णों बंल स्वास्थ्यमुत्साहोपचयौ प्रभा। ओजस्तेजोअग्नयह प्राणा श्रोक्ता देहाग्नि हेतुका।।
    शांते अग्नि म्रियते, युक्ते चिरं जीवत्यनामय। रोगी स्याद्धिकृते, मूलमग्निस्मानिरुच्यते।।
    अर्थात आयु , वर्ण (त्वचा का रंग), बल (शक्ति) ,स्वास्थ्य उत्साह एक्साइटमेंट, शरीर का विकास ,कांति और तेज अग्नि तथा प्राण ये सभी जठराग्नि का सही बने रहने पर निर्भर करती हैं
    यदि आपकी जठराग्नि शांत हो जाती है अर्थात कमजोर हो जाती है तो मनुष्य मर जाता है इसके सही बने रहने पर व्यक्ति लंबे समय तक चिरकाल तक निरोग रह कर जीवित रहता है और इसके विकृत होने पर अर्थात कमजोर पड़ जाने पर, मंद पड़ जाने पर विकारों से रोगों से पीड़ित हो जाता है इसलिए अग्नि को रोगों का मूल कारण माना गया है

    विषम अग्नि वात विकृति के कारण होती है इस विकार में कभी रोगी को भूख लगती है कभी नहीं लगती कभी डाइजेशन अच्छा रहता है कभी नहीं होता है
    तीक्ष्ण अग्नि इसमें रोगी को भूख बहुत अच्छी लगती है परंतु उसका डाइजेशन बहुत खराब होता है इसमें पित्त दोष की विकृति होती है

    मंद अग्नि मंदाग्नि में भूख बहुत कम लगती है एक बार खा लेने पर दोबारा खाने की इच्छा ना होना इसमें कफ दोष की विकृति मानी जाती है

    इनडाइजेशन के टाइप
    आमाजीर्ण यह कफ दोष की विकृति के कारण होती है
    इसमें रोगी को भूख ना के बराबर होती है पेट भारी भारी रहना, गैस बना रहना, खाना खाने की इच्छा ना होना हाथ पैरों में दर्द और खिंचाव रहना।
    विदग्ध अजीर्ण इस विकार में पित्त दोष की विकृति होती है इसमें सीने में जलन रहना ,एसिडिटी बनना , उल्टी आना, उल्टी आने की इच्छा होना पेट में दर्द होना ,क्रैंपस पडना इसमें भूख अच्छी लगती है परंतु डाइजेशन बहुत वीक होता है।
    विष्टग्धाअजीर्ण इस विकार में वायु की वृद्धि होने पर सभी स्रावो में कमी आ जाती है और फूड का परिपाक सही ढंग से नहीं होता इसके लक्षण जैसे पेट में सुई चुभने जैसी पीड़ा ,पेट में गैस बनना ,डकार आना ,शौच का झूठा वेग होना।
    उपरोक्त अग्नि लेवल को पहचान लिया जाए और उसके अनुरूप डाइट प्लान करके प्लस औषधि के सेवन करने से इस समस्या से पूर्णता निजात मिल जाता है

    क्या क्या कारण है

    हैवी डाइट लेने से
    समय पर भोजन न करना
    संयोग विरुद्ध आहार लेना
    लैक आफ एक्सरसाइज
    ओवरईटिंग करना
    जल्दी-जल्दी खाना खाने के कारण भी होती है
    खाते समय टीवी देखना और पेपर पडना जिससे आहार का पाचन नहीं होता है

    क्या क्या लक्षण है

    डकार आना
    पेट में दर्द रहना
    शरीर में भारीपन रहना
    सिर में चक्कर आना
    कब्ज रहना

    क्या कहता है आयुर्वेद

    आयुर्वेद हमेशा सभी बीमारियों का रूट काज का इलाज करता है नब्ज की जांच करा कर अपनी प्रकृति के ही हिसाब से आहार-विहार का सेवन करके प्लस औषधि के सेवन से इनडाइजेशन पूर्णता ठीक हो जाता है

    घरेलू उपचार:
    अदरक का सेवन करें
    हरीतकी
    CCF tea
    धनिया सौंफ जीरा की चाय बना कर ले

    समाधान

    आयुर्वेदिक चिकित्सा के परामर्श के अनुसार नब्ज जांच करा कर अपनी प्रकृति के अनुकूल आहार का सेवन करें । भार्गव आयुर्वेद संस्थान बेस्टका सफल इलाज जीएमपी सर्टिफाइड कंपनी के प्रोडक्ट के आधार पर करता है ओबेसिटी इनडाइजेशन ट्रीटमेंट के लिए दवा जाने और पाएं।
    चिकित्सा के अभिलाषी लोग भी नब्ज़ दिखाकर निदान कराके सही एवं सटीक इलाज प्राप्त करें।

    जो लोग दूर-दराज में रहते हैं आने में असमर्थ है वह लोग भी संस्थान में संपर्क करके मैसेज डाल कर या वैदिक निदान लिंक के माध्यम द्वारा अपनी समस्या को अपने कंफर्ट पर दर्ज करा कर परामर्श प्राप्त करा सकते हैं।

    उपयोगी प्रोडक्ट्स
    Syrup Amozyme खाना खाने के बाद 20 एम एल एक बार दोपहर में ले
    Syrup Neo liv 20ml सुबह एक बार खाली पेट लें
    Livo detox दो कैप्सूल रात को सोते समय ले
    Dizolife SF एक चम्मच रात को सोते समय ले
    क्रॉनिक इनडाइजेशन में लाभकारी दवाईयां चारों को एक साथ प्रयोग बहुत कारगर है।

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