
यूट्रस फाइब्रॉइड रसौली महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है जो यूट्रस और ओवरी में होती हैं
माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव गर्भाशय की रसौली का एक मुख्य लक्षण है जो महिलाओं में 15 से 45 वर्ष की आयु के महिलाएं फाइब्रॉयड से पीड़ित होती है जो अधिकतर नान कैंसर और बिनाइन टयूमर के रूप में मिलते हैं कभी-कभी ये रसौली काफी बड़े हो जाते हैं और पेट में दर्द और भारी रहना पाया जाता है अधिकतर महिलाओं में कोई लक्षण नहीं मिलता है जो एसिंप्टोमेटिक के रूप में होता है
क्यों होती है ऐसी समस्या
जेनेटिक रीजन और हारमोंस प्रॉब्लम एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन इनकी रेशियो में कुछ डिस्टरबेंस आ जाती है तो फाइब्रॉयड होने के संभावना बढ़ जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष के विकृति का कारण है क्यों होती है कफ की विकृति कफ वर्धक आहार-विहार का कारण जैसे कफ वर्धक खाना , डेयरी प्रोडक्टस, हैवी डाइट लेना, विकृत लाइफ़स्टाइल , ठीक आहार-विहार न रहना आदि कफ होने में अहम कारण बनते हैं।
यदि आयुर्वेद की दोषों पर विचार करें तो जिसे वात पित्त कफ यह तीनों दोष जब आउट ऑफ कंट्रोल हो जाते हैं उसे दोष की विकृति कहते हैं जैसे कफ दोष केवल खांसी ,जुखाम ,नाक से पानी चलना गला खराब रहना कफ का मतलब ये ही नहीं है और यह यही तक सीमित नहीं होता है।
ब्लड सेल्स में यदि कफ दोष है तो हाई कोलेस्ट्रॉल ,हाई ट्राइग्लिसराइड्स, हाइपरटेंशन ,ब्लड शुगर आदि को रिप्रेजेंट करता है
मसल्स सेल्स कफ दोष प्रजेंट है तो सिस्ट, बिनाइन टयूमर ,मांसपेशियों का आकार बढ़ जाना आदि को रिप्रेजेंट करता है।
फैट सेल्स में यदि कफ दोष है तो मल्टीपल लाइपोमा शरीर में कई गांठो होना ,किडनी की पथरी, गाल ब्लैडर की पथरी आदि बीमारियों को रिप्रेजेंट करता है।
नर्वस सिस्टम सेल्स में कफ दोष है तो दिमाग में पानी भर जाना हाइड्रोसेफ्लस, ब्रेन ट्यूमर, ज्यादा नींद आना, सिर भारीपन रहना, तनाव आदि बीमारियों को दर्शाता है।
जब क्लेद कफ बिना कोई लक्षण व्यक्त किए बिना रस धातु प्लाजमा सेल्स से आतर्व धातु (रिप्रोडक्टिव सेल्स) में जाकर स्रोतों अवरोध करके अन्य बीमारियों को पैदा करता है जैसे ओवरी सिस्ट, यूट्रस सिस्ट, बल्की यूट्रस, फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉकेज होना, इनफर्टिलिटी आदि विकार होते हैं ।
अर्थात कहने का मतलब है कफ केवल खांसी जुखाम नाक से पानी चलना, गला खराब होना तक ही सीमित नहीं है कफ दोष आपके शरीर में लंबे समय तक विकृत की स्थिति में है तो बड़ी से बड़ी उपरोक्त बीमारियों को जन्म देता है।
क्या क्या कारण है
•ज्यादा हैवी डाइट लेना
•मीठा ,खट्टा और नमक का ज्यादा सेवन करना
•डेयरी प्रोडक्ट ज्यादा लेना
•तली भुनी चीजें खाना
•मौसम के विपरीत खानपान
•जीवन शैली लाइफस्टाइल का अनियमित रहना
•ऋतु चर्या का पालन न करना
• पाचन कमजोर होने से भी कफ बनता है जो आमरस के रूप में आमाशय से सेल्स में जाकर अनेक रोगों का जन्म देता है
क्या क्या लक्षण है
•महावारी के दौरान अधिक रक्तस्राव
•पेडू में भारीपन या दर्द रहना
•गर्भधारण करने में असमर्थता बांझपन
•अनियमित माहवारी
•लंबे समय तक पीरियड का चलना
•खून की कमी के कारण जल्दी थकावट महसूस कर ना
•कमर दर्द और पीठ दर्द
•सिस्ट बड़ा होने से ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है जिससे बार-बार यूरिन पास करने के लिए जाना पड़ता है
•अगर ब्लैडर प्रॉपर खाली नहीं होता है तो यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन का संभावना बढ़ जाता है।
क्या कहता है आयुर्वेद;
आयुर्वेद हमेशा सभी बीमारियों के रूट काज का इलाज करता है नब्ज की जांच करा कर अपनी प्रकृति के ही हिसाब से आहार-विहार का सेवन करके उचित औषधि के सेवन से फाइब्रॉयड्स सिस्ट औरओवेरियन सिस्ट में आयुर्वेदिक दवा बहुत ही कारगर है ।
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में यूट्रस फाइब्रॉएडस का प्रभावशाली उपचार है इसमें इसका प्रभाव धीरे- धीरे होता है लेकिन आयुर्वेद यूट्रस फाइब्रॉएड रसौली के लिए सबसे अच्छा बिना ऑपरेशन का इलाज करता है आयुर्वेद में निश्चित रूप से कुछ समय में रसौली पूरी तरह खत्म हो जाती है यह पूरी तरह से सुरक्षित बिना साइड इफेक्ट के और सफल इलाज करता है।
समाधान
आयुर्वेदिक चिकित्सा के परामर्श के अनुसार नब्ज जांच करा कर अपनी प्रकृति के अनुकूल आहार का सेवन करें । भार्गव आयुर्वेद संस्थान रसौली गांठ सिस्ट का सफल इलाज जीएमपी सर्टिफाइड कंपनी के प्रोडक्ट के आधार पर करता है फाइब्रॉयड एंड ओवेरियन सिस्ट / बच्चेदानी रसौली सिस्ट ट्रीटमेंट के लिए दवा जाने और पाएं।
चिकित्सा के अभिलाषी लोग भी नब्ज़ दिखाकर निदान कराके सही एवं सटीक इलाज प्राप्त करें।
जो लोग दूर-दराज में रहते हैं आने में असमर्थ है वह लोग भी संस्थान में संपर्क करके मैसेज डाल कर या वैदिक निदान लिंक के माध्यम द्वारा अपनी समस्या को अपने कंफर्ट पर दर्ज करा कर परामर्श प्राप्त करा सकते हैं।
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सुबह में खाली पेट एक बार
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पुनर्नवादि गूगल
प्रत्येक के दो-दो गोली दिन में दो बार खाना खाने के बाद
यदि पेट साफ ना रहे तो कोई भी विरेचक औषधि। डिटॉक्स एवं कॉलोन डिटॉक्स 1-1 कैप्सूल रात को सोते समय गर्म पानी से
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परहेज सावधानियां
-वर्कआउट एवं व्यायाम जरूरी है
-फैटी फ्राई खान-पान परहेज़
-ओवर ईटिंग से बचें और हारमोंस का संतुलन रखें
-फाइबर एंड मल्टीपल ग्रेनस का प्रयोग करें
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